मीनापुर कौशलेन्द्र झा। नक्सलियों की ओर से बुधवार की मध्य रात्रि से
प्रस्तावित 24 घंटे के बिहार बंद के दौरान गड़बड़ी फैलाने के लिए पार्टी का
सशस्त्र दस्ता बुधवार की शाम करीब 7.30 बजे ही धरमपुर नारायण चौर में पहुंच
चुको था। गुरुवार की सुवह गांव के एक बालक ने यह खुलासा किया। रेल विभाग
के पीडब्ल्यूआई अवधेश कुमार ने भी 70 से 80 पुलिस वर्दीधारी सशस्त्र
नक्सलियों के शाम साढ़े 7 बजे ही घटनास्थल पर पहुंचने की पुष्टि की है।
पुलिस की वर्दी पहने ये नक्सली हाथ में बंदूक और पीठ पर बैग लिए थे।
लड़के की मानें तो बुधवार की शाम जब वह चौर से लौट रहा था तभी उत्तर दिशा
से आ रहे दस्ते की उसपर नजर पर गयी। नक्सलियों ने उसे दो थप्पर जड़कर भगा
दिया। फिर इसके बाद क्या हुआ, किसी को नहीं पता है। दरअसल घटनास्थल से करीब
300 मीटर पूरब उत्तर की दिशा में एक आरा मिल है और करीब 500 मीटर पश्चिम
धरमपुर नारायण गांव है।
करीब 500 मीटर पुरब एक चिमनी भी है पर विस्फोट की आवाज किसी ने नहीं सुनी।
घटनास्थल से आधा किलोमीटर पश्चिम सड़क किनारे घास काट रही एक महिला की मानें
तो पिछले दो रोज से यहां अनजान लोगो की आवाजाही थी। जांच में जुटे जीआरपी
के अधिकारी बताते हैं कि विस्फोट में प्रयुक्ज्त छोटा सिलेण्डर बम था और
इसकी कमजोर क्षमता होने के कारण पटरी को अधिक नुकसान नहीं हुआ है।
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