कौशलेन्द्र झा
हमने 1947 में आजादी पायी थी, जबकि आधुनिक चीन की नींव 1949 में रखी। हमसे दो साल बाद अस्तित्व में आया आधुनिक चीन आज हमसे कई दशक आगे का सफर तय कर चुका है। यकीन नहीं होता तो इन तथ्यों पर गंभीरता से गौर फरमाइये :-
चीन ने भारत की मौजूदा 2 ट्रिलियन डॉलर की हैसियत 11 साल पहले ही हासिल कर ली थी। यानी अर्थव्यवस्था के मामले में भारत चीन से 11 साल पीछे है।
पिछले साल भारत का प्रतिव्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद 3,851 डॉलर था, जबिक चीन का 9,146 डॉलर।
2012 में भारत का जीडीपी ग्रोथ रेट 5.3 था, जबकि चीन का 7.7।
वित्त वर्ष 2013-14 में भी चीन की अर्थव्यवस्था अनुमानत: लगभग 8 फीसदी के हिसाब से बढ़ रही है, जबकि हमारी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर का अनुमान 5 फीसदी लगाया जा रहा है।
साल 2011 के आंकड़ों के मुताबिक भारत में बेरोजगारी दर 9.8 फीसदी थी, जबकि चीन में 4.1 फीसदी।
इसी साल भारत का बजट घाटा कुल जीडीपी का 7.2 फीसदी था, जबकि चीन का 1.1 फीसदी।
हम अपनी जीडीपी का महज 36 फीसदी निवेश करते हैं, जबकि चीन अपनी जीडीपी का 48 फीसदी निवेश में लगाता है।
भारत की आबादी के लगभग 32.7 फीसदी लोग अभी गरीब हैं, जबकि चीन में यह स्थिति साल 2002 में ही थी। वहां अब गरीबी रेखा से नीचे रहनेवाले यानी रोज सवा डॉलर से कम खर्च करनेवालों का प्रतिशत घट गया है।
करप्शन परसेप्शन इंडेक्स 2012 के मुताबिक दुनिया के भ्रष्टतम देशों में भारत का स्थान 94वां था, जबकि चीन का 80वां।
33 प्रतिशत भारतीयों को बिजली उपलब्ध नहीं है, जबकि चीन की आबादी के महज एक फीसदी लोगों तक ही बिजली की पहुंच नहीं है।
विश्व व्यापार में भारत की भागीदारी महज 0.6 फीसदी है, जबकि चीन और हांगकांग मिलकर 6 फीसदी भागीदारी रखते हैं।
इसी तरह वैश्विक क्रय शक्ति में भारतीयों का प्रतिशत 1.3 है, जबकि चीन का 3.2, वहीं भारत में दुनिया भर के 0.38 फीसदी पयर्टक आते हैं, जबकि चीन में 11.5 फीसदी। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भी भारत में दुनिया का 0.25 जबकि चीन में 10.25 होता है।
इस साल के पहले 6 महीनों में 3 लाख 44 हजार 700 भारतीयों ने चीन की यात्रा की, जो पिछले साल की समान अवधि से 14.26 फीसदी अधिक है। जबकि, साल 2012 में कुल एक लाख से अधिक चीनी पर्यटक भारत आये थे।
साल 2011 में 31 फीसदी भारतीय शहरों में रहते थे, लेकिन चीन की इतनी ही प्रतिशत आबादी 1980 के दशक से पहले ही शहरों में रह रही थी।
साल 2000 से चीन में 12 फीसदी वेतन वृद्धि हुयी है, जबकि भारत में महज 2.5 फीसदी। 90 फीसदी भारतीय अब भी अनौपचारिक क्षेत्रों में काम करते हैं।
काम के उत्पादन की कीमत लगायी जाय तो औसतन एक भारतीय कामगार सालाना 8,401 डॉलर उत्पादित करता है, चीन ने इस आंकड़े को सात साल पहले 2006 में छू लिया था।
भारत में धान की प्रति हेक्टेयर पैदावार चीन, वियतनाम और इंडोनेशिया की तुलना में करीब आधी है। अगर भारत की पैदावार बढ़ाकर चीन के बराबर कर ली जाए तो खाद्यान्न के लिए जल और भूमि की व्यवस्था आसानी से हो जाएगी।
मानव संसाधन
चीन मानक भारत
1, 344,130,000 कुल आबादी 1,241,491,960
749,610,775 उपलब्ध मानव संसाधन 615,201,057
618,588,627 सैन्य सेवा के लायक मानव संसाधन 489,571,520
19,538,534 हर साल सैन्य सेवा में जाने लायक 22,896,956
तैयार हो रही आबादी
चीन मानक भारत
2,285,000 कार्यरत सैनिक 1,325,000
800,000 कार्यरत सैन्य रिजर्व 1,747,000
795,500,000 श्रम शक्ति 487,600,000
-0.33 फीसदी नेट पलायन दर 0.05 फीसदी
6.5 फीसदी बेरोजगारी दर 9.8 फीसदी
2,494 सूचीबद्ध घरेलू कम्पनियां 5,191
आधारभूत ढांचा
चीन मानक भारत
3,860,800 कि.मी. सड़क मार्ग 3,320,40 कि.मी.
86,000 कि.मी. रेल मार्ग 63,947 कि.मी.
110,000 कि.मी. जल मार्ग 14,500 कि.मी.
14,500 कि.मी. समुद्रतटीय मार्ग 7,000 कि.मी.
22, 117 कि.मी. दूसरे देशों से लगी सीमाएं 14, 103 कि.मी.
9,596,961 कि.मी. वर्गीय भूमि क्षेत्र 3,287,263 कि.मी.
सामरिक क्षमता
चीन ने हाल ही में देश में ही तैयार किया गया पांचवी पीढ़ी का स्टेल्थ लड़ाकू विमान दुनिया के सामने लाकर अपनी हवाई ताकत दिखायी। जबकि भारत के पास इस श्रेणी का विमान 2022 से पहले नहीं आ पाएगा। ग्लोबल फायर पावर (जीएफपी) ने दुनिया के महत्वपूर्ण 68 देशों की सामरिक क्षमता का आकलन किया है। संस्था ने इन देशों की सामरिक क्षमता के आधार पर इनकी रैंकिंग भी की है। इस सूचि में चीन तीसरे और भारत चौथे स्थान पर है। संस्था की वेबसाइट पर दिये आंकड़ों के आधार पर सामरिक नजरिए से चीन और भारत के बीच निम्नांकित परिदृश्य उभरते हैं:-
थल सेना
चीन मानक भारत
7,950 कुल टैंक क्षमता 3,555
18,700 साजो-सामान से लैस युद्धक वाहन 2,293
2,500 कुल एसपीजी क्षमता 330
25,000 टाउड आर्टिलरी 6,585
2,600 मल्टिपल रॉकेट लॉंच सिस्टम 292
10,500 कुल मोर्टार 5,000
31,250 एंटी टैंक विपनरी 51,800
75,850 ढुलाई वाहन 70,000
वायु सेना
चीन मानक भारत
5,048 कुल लड़ाकू विमान 1, 962
901 कुल सैन्य हेलीकॉप्टर 620
497 सेवा योग्य हवाई अड्डे 352
नौ सेना
चीन मानक भारत
2,032 व्यापारिक जहाज 340
8 बड़े बंदरगाह और टर्मिनल 7
972 नौसैनिक जहाज 170
1 विमान वाहक 1
63 पनडुब्बी बेड़ा 15
47 पोतों की संख्या 14
25 विनाशक पोत 8
0 लड़ाकू जलपोत 24
52 इन वारफेयर क्राफ्ट 8
322 समुद्र तटीय पेट्रोलिंग वाहन 31
228 एम्फीबियस असॉल्ट क्राफ्ट 16
हमने 1947 में आजादी पायी थी, जबकि आधुनिक चीन की नींव 1949 में रखी। हमसे दो साल बाद अस्तित्व में आया आधुनिक चीन आज हमसे कई दशक आगे का सफर तय कर चुका है। यकीन नहीं होता तो इन तथ्यों पर गंभीरता से गौर फरमाइये :-
चीन ने भारत की मौजूदा 2 ट्रिलियन डॉलर की हैसियत 11 साल पहले ही हासिल कर ली थी। यानी अर्थव्यवस्था के मामले में भारत चीन से 11 साल पीछे है।
पिछले साल भारत का प्रतिव्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद 3,851 डॉलर था, जबिक चीन का 9,146 डॉलर।
2012 में भारत का जीडीपी ग्रोथ रेट 5.3 था, जबकि चीन का 7.7।
वित्त वर्ष 2013-14 में भी चीन की अर्थव्यवस्था अनुमानत: लगभग 8 फीसदी के हिसाब से बढ़ रही है, जबकि हमारी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर का अनुमान 5 फीसदी लगाया जा रहा है।
साल 2011 के आंकड़ों के मुताबिक भारत में बेरोजगारी दर 9.8 फीसदी थी, जबकि चीन में 4.1 फीसदी।
इसी साल भारत का बजट घाटा कुल जीडीपी का 7.2 फीसदी था, जबकि चीन का 1.1 फीसदी।
हम अपनी जीडीपी का महज 36 फीसदी निवेश करते हैं, जबकि चीन अपनी जीडीपी का 48 फीसदी निवेश में लगाता है।
भारत की आबादी के लगभग 32.7 फीसदी लोग अभी गरीब हैं, जबकि चीन में यह स्थिति साल 2002 में ही थी। वहां अब गरीबी रेखा से नीचे रहनेवाले यानी रोज सवा डॉलर से कम खर्च करनेवालों का प्रतिशत घट गया है।
करप्शन परसेप्शन इंडेक्स 2012 के मुताबिक दुनिया के भ्रष्टतम देशों में भारत का स्थान 94वां था, जबकि चीन का 80वां।
33 प्रतिशत भारतीयों को बिजली उपलब्ध नहीं है, जबकि चीन की आबादी के महज एक फीसदी लोगों तक ही बिजली की पहुंच नहीं है।
विश्व व्यापार में भारत की भागीदारी महज 0.6 फीसदी है, जबकि चीन और हांगकांग मिलकर 6 फीसदी भागीदारी रखते हैं।
इसी तरह वैश्विक क्रय शक्ति में भारतीयों का प्रतिशत 1.3 है, जबकि चीन का 3.2, वहीं भारत में दुनिया भर के 0.38 फीसदी पयर्टक आते हैं, जबकि चीन में 11.5 फीसदी। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भी भारत में दुनिया का 0.25 जबकि चीन में 10.25 होता है।
इस साल के पहले 6 महीनों में 3 लाख 44 हजार 700 भारतीयों ने चीन की यात्रा की, जो पिछले साल की समान अवधि से 14.26 फीसदी अधिक है। जबकि, साल 2012 में कुल एक लाख से अधिक चीनी पर्यटक भारत आये थे।
साल 2011 में 31 फीसदी भारतीय शहरों में रहते थे, लेकिन चीन की इतनी ही प्रतिशत आबादी 1980 के दशक से पहले ही शहरों में रह रही थी।
साल 2000 से चीन में 12 फीसदी वेतन वृद्धि हुयी है, जबकि भारत में महज 2.5 फीसदी। 90 फीसदी भारतीय अब भी अनौपचारिक क्षेत्रों में काम करते हैं।
काम के उत्पादन की कीमत लगायी जाय तो औसतन एक भारतीय कामगार सालाना 8,401 डॉलर उत्पादित करता है, चीन ने इस आंकड़े को सात साल पहले 2006 में छू लिया था।
भारत में धान की प्रति हेक्टेयर पैदावार चीन, वियतनाम और इंडोनेशिया की तुलना में करीब आधी है। अगर भारत की पैदावार बढ़ाकर चीन के बराबर कर ली जाए तो खाद्यान्न के लिए जल और भूमि की व्यवस्था आसानी से हो जाएगी।
मानव संसाधन
चीन मानक भारत
1, 344,130,000 कुल आबादी 1,241,491,960
749,610,775 उपलब्ध मानव संसाधन 615,201,057
618,588,627 सैन्य सेवा के लायक मानव संसाधन 489,571,520
19,538,534 हर साल सैन्य सेवा में जाने लायक 22,896,956
तैयार हो रही आबादी
चीन मानक भारत
2,285,000 कार्यरत सैनिक 1,325,000
800,000 कार्यरत सैन्य रिजर्व 1,747,000
795,500,000 श्रम शक्ति 487,600,000
-0.33 फीसदी नेट पलायन दर 0.05 फीसदी
6.5 फीसदी बेरोजगारी दर 9.8 फीसदी
2,494 सूचीबद्ध घरेलू कम्पनियां 5,191
आधारभूत ढांचा
चीन मानक भारत
3,860,800 कि.मी. सड़क मार्ग 3,320,40 कि.मी.
86,000 कि.मी. रेल मार्ग 63,947 कि.मी.
110,000 कि.मी. जल मार्ग 14,500 कि.मी.
14,500 कि.मी. समुद्रतटीय मार्ग 7,000 कि.मी.
22, 117 कि.मी. दूसरे देशों से लगी सीमाएं 14, 103 कि.मी.
9,596,961 कि.मी. वर्गीय भूमि क्षेत्र 3,287,263 कि.मी.
सामरिक क्षमता
चीन ने हाल ही में देश में ही तैयार किया गया पांचवी पीढ़ी का स्टेल्थ लड़ाकू विमान दुनिया के सामने लाकर अपनी हवाई ताकत दिखायी। जबकि भारत के पास इस श्रेणी का विमान 2022 से पहले नहीं आ पाएगा। ग्लोबल फायर पावर (जीएफपी) ने दुनिया के महत्वपूर्ण 68 देशों की सामरिक क्षमता का आकलन किया है। संस्था ने इन देशों की सामरिक क्षमता के आधार पर इनकी रैंकिंग भी की है। इस सूचि में चीन तीसरे और भारत चौथे स्थान पर है। संस्था की वेबसाइट पर दिये आंकड़ों के आधार पर सामरिक नजरिए से चीन और भारत के बीच निम्नांकित परिदृश्य उभरते हैं:-
थल सेना
चीन मानक भारत
7,950 कुल टैंक क्षमता 3,555
18,700 साजो-सामान से लैस युद्धक वाहन 2,293
2,500 कुल एसपीजी क्षमता 330
25,000 टाउड आर्टिलरी 6,585
2,600 मल्टिपल रॉकेट लॉंच सिस्टम 292
10,500 कुल मोर्टार 5,000
31,250 एंटी टैंक विपनरी 51,800
75,850 ढुलाई वाहन 70,000
वायु सेना
चीन मानक भारत
5,048 कुल लड़ाकू विमान 1, 962
901 कुल सैन्य हेलीकॉप्टर 620
497 सेवा योग्य हवाई अड्डे 352
नौ सेना
चीन मानक भारत
2,032 व्यापारिक जहाज 340
8 बड़े बंदरगाह और टर्मिनल 7
972 नौसैनिक जहाज 170
1 विमान वाहक 1
63 पनडुब्बी बेड़ा 15
47 पोतों की संख्या 14
25 विनाशक पोत 8
0 लड़ाकू जलपोत 24
52 इन वारफेयर क्राफ्ट 8
322 समुद्र तटीय पेट्रोलिंग वाहन 31
228 एम्फीबियस असॉल्ट क्राफ्ट 16
0 Comments