मीनापुर कौशलेन्द्र झा
क्षेत्र में जोर पकड़ी फर्जीवाड़े की उच्चस्तरीय जांच की मांग
शिकायत पर डीडीसी को जांच का आदेश दे चुके हैं डीएम
13 को शिक्षा सचिव से मिलने का विधायक ने मांगा समय
टीईटी का फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर उसके सहारे शिक्षक नियोजन कराने वाले रैकेट का भांडा फूटने के बाद से मीनापुर में हड़कंप मचा हुआ है। एक तरफ इस फर्जीवाड़े की उच्चस्तरीय जांच की मांग जोर पकड़ रही है तो दूसरी तरफ रैकेट से जुड़े सफेदपोश मामले की लीपापोती में अपनी ताकत लगाने लगे हैं।
जदयू किसान प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष मनोज कुमार ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के सचिव को पत्र लिखकर टीईटी के प्रमाण पत्रों पर नियोजित शिक्षकों की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। इससे पहले मनोज आयुक्त के जनता दरबार में भी इस मुद्दे को उठा चुके है। इस बीच नेउरा के अरविन्द कुमार की शिकायत पर डीएम डीडीसी को जांच का आदेश दे चुके हैं। वहीं विधायक दिनेश प्रसाद ने मामले में बातचीत के लिए शिक्षा सचिव से 13 सितम्बर का समय मांगा है। हालांकि चर्चा यह भी है कि ऐसा न करने के लिए उन पर रैकेट से जुड़े कुछ लोग लगातार दबाव बनाये हुए हैं।
आवेदन वापस लेने का दबाव :
सूचना के अधिकार के तहत टीईटी से संबंधित जानकारी मांगने वाले अब रैकेट के निशाने पर हैं। पुरैनिया के कृष्णमाधव सिंह ने बताया कि उन्हें इस मामले से पीछे हटने को कहा जा रहा है। शुक्रवार को मीनापुर के कई सफेदपोश उनके दरवाजे पर पहुंचे और आवेदन वापस लेने को बोले।
ऐसे कराते थे बहाली :
जानकार बताते हैं कि इस गोरखधंधा से जुड़े लोग तीन लाख तक लेकर टीईटी का फर्जी प्रमाण पत्र जारी कर देते हैं। इसके बाद शारीरिक प्रशिक्षण का जाली प्रमाण पत्र व जाली ज्वाइनिंग लेटर बनाकर धड़ल्ले से शिक्षकों का नियोजन कराते हैं। अब तक करीब पांच दर्जन से अधिक लोग इस गोरखधंधे का शिकार बन चुके हैं। इसमें शिक्षा विभाग के कुछेक अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में हैं। रैकेट चलाने वाले मीनापुर के अलावा बोचहां, मुशहरी, कुढ़नी व गायघाट प्रखंड के भी बेरोजगारों को फांस चुके हैं।
क्षेत्र में जोर पकड़ी फर्जीवाड़े की उच्चस्तरीय जांच की मांग
शिकायत पर डीडीसी को जांच का आदेश दे चुके हैं डीएम
13 को शिक्षा सचिव से मिलने का विधायक ने मांगा समय
टीईटी का फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर उसके सहारे शिक्षक नियोजन कराने वाले रैकेट का भांडा फूटने के बाद से मीनापुर में हड़कंप मचा हुआ है। एक तरफ इस फर्जीवाड़े की उच्चस्तरीय जांच की मांग जोर पकड़ रही है तो दूसरी तरफ रैकेट से जुड़े सफेदपोश मामले की लीपापोती में अपनी ताकत लगाने लगे हैं।
जदयू किसान प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष मनोज कुमार ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के सचिव को पत्र लिखकर टीईटी के प्रमाण पत्रों पर नियोजित शिक्षकों की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। इससे पहले मनोज आयुक्त के जनता दरबार में भी इस मुद्दे को उठा चुके है। इस बीच नेउरा के अरविन्द कुमार की शिकायत पर डीएम डीडीसी को जांच का आदेश दे चुके हैं। वहीं विधायक दिनेश प्रसाद ने मामले में बातचीत के लिए शिक्षा सचिव से 13 सितम्बर का समय मांगा है। हालांकि चर्चा यह भी है कि ऐसा न करने के लिए उन पर रैकेट से जुड़े कुछ लोग लगातार दबाव बनाये हुए हैं।
आवेदन वापस लेने का दबाव :
सूचना के अधिकार के तहत टीईटी से संबंधित जानकारी मांगने वाले अब रैकेट के निशाने पर हैं। पुरैनिया के कृष्णमाधव सिंह ने बताया कि उन्हें इस मामले से पीछे हटने को कहा जा रहा है। शुक्रवार को मीनापुर के कई सफेदपोश उनके दरवाजे पर पहुंचे और आवेदन वापस लेने को बोले।
ऐसे कराते थे बहाली :
जानकार बताते हैं कि इस गोरखधंधा से जुड़े लोग तीन लाख तक लेकर टीईटी का फर्जी प्रमाण पत्र जारी कर देते हैं। इसके बाद शारीरिक प्रशिक्षण का जाली प्रमाण पत्र व जाली ज्वाइनिंग लेटर बनाकर धड़ल्ले से शिक्षकों का नियोजन कराते हैं। अब तक करीब पांच दर्जन से अधिक लोग इस गोरखधंधे का शिकार बन चुके हैं। इसमें शिक्षा विभाग के कुछेक अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में हैं। रैकेट चलाने वाले मीनापुर के अलावा बोचहां, मुशहरी, कुढ़नी व गायघाट प्रखंड के भी बेरोजगारों को फांस चुके हैं।
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