फर्जी हैं प्रमाण पत्र, बोर्ड ने भी लगायी मुहर

मीनापुर कौशलेन्द्र झा
शिक्षक बहाली में फर्जीवाड़ा :
शारीरिक प्रशिक्षण महाविद्यालय में परीक्षा हुई नहीं, अभ्यर्थी ले आये प्रमाण पत्र
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने भी प्रमाण पत्रों के फर्जी होने की कर दी पुष्टि
मीनापुर में 36 की बहाली जांच के घेरे में, बोचहां, औराई, गायघाट में भी फांसे गये हैं बेरोजगार

जिस सत्र में काॠलेज में परीक्षा तक नहीं हुई उस सत्र का सर्टिफिकेट लाकर दर्जनों बेरोजगार शिक्षक बन गये हैं। फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे मीनापुर में शिक्षकों की हुई फर्जी बहाली की पोल परत दर परत खुल रही है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पत्र से शारीरिक शिक्षकों के प्रमाण पत्र में फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई है।
दाउत छपरा के अरविंद कुमार की ओर से आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना के आलोक में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, पटना के लोक सूचना अधिकारी ने अपने पत्रांक 4196 में स्पष्ट किया है कि कटिहार के वीर कुंवर सिंह शारीरिक प्रशिक्षण महाविद्यालय में वर्ष 1994 में शारीरिक शिक्षकों की कोई परीक्षा आयोजित नहीं हुई है। उन्होंने अपने एक अन्य पत्र (पत्र संख्या 4146) में बताया है कि केदार पांडेय शारीरिक एवं स्वास्थ्य प्रशिक्षण महाविद्यालय साधनापुरी, पटना में भी वर्ष 1994 में परीक्षा का आयोजन नहीं हुआ।
बावजूद इसके उक्त दोनों काॠलेजों के वर्ष 1994 का प्रमाण पत्र दिखाकर अकेले मीनापुर में 36 अभ्यार्थियों ने अपना नियोजन कराया है। अब ये शिक्षक जांच के घेरे में आ गये हैं। बोचहां, गायघाट, औराई समेत जिले के कई अन्य प्रखंडों में भी रैकेट से जुड़े जालसाजों ने फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी दिलाने के लिए बेरोजगारों को अपने जाल में फांसा है।

क्या है मामला :

वर्ष 2014 में मीनापुर में लगभग 200 शिक्षकों का नियोजन हुआ है। आरटीआई से मांगी गई सूचना के आधार पर नियोजन में हुई गड़बड़ी की कलई एक-एक कर खुल रही है। प्रखंड व पंचायत नियोजन इकाईयों में सर्वाधिक फर्जीवाड़ा हुआ है। टीईटी के फर्जी प्रमाण पत्रों के इस्तेमाल की भी चर्चा है। एक बेरोजगार के नियोजन पर तीन-तीन लाख रुपये तक की अवैध वसूली हुई है। इस कांड को लेकर खुद क्षेत्र के विधायक दिनेश प्रसाद ने 13 सितम्बर को शिक्षा सचिव से मिलने का समय मांगा है।

आरटीआई कार्यकर्ता को मिली धमकी :
फर्जीवाड़ा उजागर करने में सक्रिय रहे आरटीआई कार्यकर्ता दाउत छपरा के अरविंद कुमार को अज्ञात मोबाइल नम्बर से जान मारने की धमकी मिली है। काॠल करने वालों ने झूठे मुकदमे में भी फंसाने की धमकी दी है। अरविंद ने पुलिस महानिरीक्षक को ज्ञापन देकर मामले की शिकायत की है और सुरक्षा की गुहार लगाई है। अरविंद ने आरटीआई के तहत इस वर्ष जुलाई में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से शिक्षक नियोजन से संबंधित प्रमाण पत्रों की सत्यता के बाबत जानकारी मांगी थी।

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